✴भगत सिंह और माँ की अंतिम जुबानी✴

भगत सिंह और माँ की अंतिम जुबानी

फाँसी से कुछ नही होता ,पल का दर्द सह लूँगा ।
अपने वतन का दर्द तो , थोडा सा में भी ले लूँगा ।

देश आजादी के लिये , तो खुशी से प्राण दे दूँगा ।
होश में भी थोडा सा , एक पल बेहोश  रह लूँगा ।

जन्म भूमि की बात है , ज्यादा नही कुछ पल ही जी लूँगा ।
मेरी भारत माता की गोद मे , हमेशा के लिए सो लूँगा ।

माँ भारती का पुत्र हूँ , निःस्वार्थ बलिदान दे दूंगा ।
फाँसी से गिरते ही , आजादी का तिलक का दूँगा ।

शादी किसी लड़की से नही , अब तो दूल्हन आजादी को ही बनाऊंगा ।
रंग दे बसंती चोला गाकर  , माटी पे मस्तक झुकाउंगा ।

मेरे रूह के खून से , इंकलाब जिंदाबाद लिख जाऊंगा ।
दिल से सच्चा हिंदुस्तानी हूँ , हस्ता हुआ सो जाऊंगा ।

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