✴ किसान की आत्मकथा ✴
✴ किसान की आत्मकथा ✴
मुझे कर्ज़ नही , मेरी मेहनत दो ।
मुझे खर्च नही , मेरी कीमत दो ।
मुझे दर्द नही , मेरा मूल्य दो ।
मुझे शर्म नही , मेरा हक दो ।
मुझे काटो की आहे न, हिम्मत दो ।
मुझे ठंड में कपाओ न , इज्जत दो ।
मुझे कली रात में जहर न , पानी दो।
मुझे तड़फओ जिंदे को न , खुशियाँ दो।
मुझे बार बार थकान ना, आराम दो।
मुझे धूप के थपडे ना , सहमत दो।
मुझे कर्ज की फाँसी ना , हँसी दो।
मुझे मिट्टी में रौंदो ना, जीने दो ।
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आपने livepustak को इतना प्यार दिया, कि आज बहुत कम समय में 1000 क्लीक हो गये ।
" धन्यवाद "
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