✍जय हिन्दराज , जय हिन्दराज✍

✍जय हिन्दराज , जय हिन्दराज✍

जहाँ रोज ज्ञान की गंगा बहती |
वहाँ पहली सूर्य किरण पड़ती  ।

जो विश्व का महागुरु ज्ञानी  ।
ये देव जन्मभूमि की कहानी ।

जिसको हजारों सालों से लूटा ।
फिर भी वो खजाना नही खाली  ।

जिस माटी के कण-कण में ॐ ।
उस सिंहासन पर एक भारत शेर ।

वे युवाओं की शक्ति , देशभक्ति  ।
ये साधुसंतों की भक्ति , पापमुक्ति I 
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