✍जय हिन्दराज , जय हिन्दराज✍
✍जय हिन्दराज , जय हिन्दराज✍
जहाँ रोज ज्ञान की गंगा बहती |
वहाँ पहली सूर्य किरण पड़ती ।
जो विश्व का महागुरु ज्ञानी ।
ये देव जन्मभूमि की कहानी ।
जिसको हजारों सालों से लूटा ।
फिर भी वो खजाना नही खाली ।
जिस माटी के कण-कण में ॐ ।
उस सिंहासन पर एक भारत शेर ।
वे युवाओं की शक्ति , देशभक्ति ।
ये साधुसंतों की भक्ति , पापमुक्ति I
Livepustak.blogspot.com
आप ऐसी ही कविताएँ पसंद करते हो , तो Google पे
Livepustak.blogspot.com लिखकर search
कीजिये ।
Livepustak सिर्फ कविताएँ लिखकर आपका मनोरंजन ही
नही करती हैं , देश की समस्याओ की और इशारा करती हैं ।
अगर आपको लगता हैं , कि इस समस्या पे Livepustak ने कविता नही लिखी हैं ।
तो आपका topic हमें comment में भेजिए ।
मैं मानता हूँ ,कि आप राष्ट्र से बहुत प्रेम करते हों । फिर भी आपकी कोई बात नहों सुनता हैं ।
"आप गलत नही , सिर्फ अकेले हो "
तो आपके जैसे बहुत लोग livepustak से जुड़े हैं , आप भी जुड़िये ।
और आपके आसपास की समस्या हमें भेजिए ।
हम आपकी बात प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचने में मदद करेंगे ।
आपने livepustak को इतना प्यार दिया, कि आज बहुत कम समय में 1000 क्लीक हो गये ।
" धन्यवाद "
livepustak.blogspot.com
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें