✴चाँद बादल की ओट में✴
चाँद बादल की ओट में ,
मुझे छुप-छुप कर झाँके ।
मैं जिद्द करू मेरी माँ से ,
चाँद को मेरी गोंद में लादे ।
चाँद मुझसे डरकर भागे ,
काले बादल ओढ़ दागे।
माँ रोज चंदा बहुत चमके ।
आज क्यों काले में लिपटे ।
मैं सूरज दादा-चंदा मामा ,
और तारो साथ खेलने जाऊ ।
चाँद मेरी आँखों में चमक मारे ,
मैं पलक झपकू तेज़ी से टारे ।
चाँद मेरी मुस्कान से घबराये ।
मेरा हाथ चाँद को झपटने जाये ।
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