✴जिंदगानी हैं✴

✴जिंदगानी हैं✴

मेरी जिंदगी मुझे रूलाती हैं ,
हर रोज मुझे आजमाती हैं ।

मेरे नाम को क्यो लजाती हैं ,
मेरी मंजिल मुझे खीजाति हैं ।

सिर्फ उमीद मुझे सजाती हैं,
किस्मत तो रोज नाचाती हैं ।

राह के काटे पैर सुजाति हैं ,
नींद को मुसीबत खाजाती हैं ।

टूटी हिम्मत मुझे मुरझाती हैं ,
मेरी मेहनत दुसरो को लुटाती हैं ।
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