✍ये भी कोई बात , कश्मीर माँग रहे हो✍

✍ये भी कोई बात , कश्मीर माँग रहे हो✍

तुम्हे सहारे के लिए अँगुली दी , तुम हाथ काटकर  माँग रहे हो ।

तुम्हे मदद देने की कोशिश कि , तो तुमम कश्मीर मांग रहे हो ।

 बच्चोे जैसे चाँद माँग रहे हो , संभव नही गला क्यो फाड़ रहे हो ।

कश्मीर की केशर को हमने बलिदानो सिंचा , और तुम केशर माँग रहे हो ।

 धमकी से तुम क्या डरा रहे हो , जैसे टार्च से हिमालय पिघला रहे हो ।
Livepustak.blogspot.com
आप ऐसी ही कविताएँ पसंद करते हो , तो Google पे 
Livepustak.blogspot.com  लिखकर search 
कीजिये ।


Livepustak सिर्फ कविताएँ लिखकर आपका मनोरंजन ही
नही करती हैं , देश की समस्याओ की और इशारा करती हैं ।


अगर आपको लगता हैं , कि इस समस्या पे Livepustak ने कविता नही लिखी हैं ।
तो आपका topic हमें comment में भेजिए ।


मैं मानता हूँ ,कि आप राष्ट्र से बहुत प्रेम करते हों । फिर भी आपकी कोई बात नहों सुनता हैं ।

"आप गलत नही , सिर्फ अकेले हो "

तो आपके जैसे बहुत लोग livepustak से जुड़े हैं , आप भी जुड़िये ।
और आपके आसपास की समस्या हमें भेजिए ।

हम आपकी बात प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचने में मदद करेंगे ।
आपने livepustak को इतना प्यार दिया, कि आज बहुत कम समय में 1000  क्लीक हो गये ।
      
                              " धन्यवाद "
                   livepustak.blogspot.com


टिप्पणियाँ