✴मेरी माँ✴

              ✴मेरी माँ✴

गऊ ही राम हैं, यही मुक्तिधाम हैं  ।
गौ सेवा में , जग का कल्याण हैं ।
गाय जगत की जान , मूल्यवान हैं ।

उसकी आँखों में प्रेम का , सागर हैं ।
गऊमुख में माँ शब्द का , गुणगान हैं ।
गौ मूत्र के पान में , अमृत सुगंध हैं ।

गाय के गोबर में , लक्ष्मी का धाम हैं ।
गऊ के प्रेम के, श्रीकृष्ण भी दीवाने हैं ।
गौ दूध , माखन , और मेवा पकवान हैं ।
Livepustak.blogspot.com
आप ऐसी ही कविताएँ पसंद करते हो , तो Google पे
Livepustak.blogspot.com  लिखकर search
कीजिये ।


Livepustak सिर्फ कविताएँ लिखकर आपका मनोरंजन ही
नही करती हैं , देश की समस्याओ की और इशारा करती हैं ।


अगर आपको लगता हैं , कि इस समस्या पे Livepustak ने कविता नही लिखी हैं ।
तो आपका topic हमें comment में भेजिए ।


मैं मानता हूँ ,कि आप राष्ट्र से बहुत प्रेम करते हों । फिर भी आपकी कोई बात नहों सुनता हैं ।

"आप गलत नही , सिर्फ अकेले हो "

तो आपके जैसे बहुत लोग livepustak से जुड़े हैं , आप भी जुड़िये ।
और आपके आसपास की समस्या हमें भेजिए ।

हम आपकी बात प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचने में मदद करेंगे ।
आपने livepustak को इतना प्यार दिया, कि आज बहुत कम समय में 1000  क्लीक हो गये ।
     
                              " धन्यवाद "
                   livepustak.blogspot.com



टिप्पणियाँ