✍मोहनी मुरली✍

✍मोहनी मुरली✍

कान्हा की मुरली सुन , कान हुए उत्चेत ।

नई-नई राग में , भूल गया सब भेद ।

जू-जू चढ़ी आवाज मुरली ,भूल गया सब भेद ।

जिसे मुरलीधर आये , वैसे हुए लग्नमोर ।

जेय- जेय -जेय श्याम , प्यारे घन
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