।। टार्चों की रोशनी से पिघलता नही हिमालय ।।
।। टार्चों की रोशनी से पिघलता नही हिमालय ।।
पड़ोसी विदेश करते हैं , भारत नष्ट की चर्चा ।
कि भारत को पकड़ा दो , असभ्य का मोर्चा ।
फिर कहते हैं वे कभी , असभ्य नही हो सकते ।
क्योकि वे प्राण देंग , पर कभी सभ्य नही छोड़ेंगे ।
वे चुप बैठे तब तक , मार कर दो उन्हें घायल ।
लेकिन घायल नही हुये , तो भूंज देंगे सत्य से ।
उन्हें मार डालो तो क्या करेंगे , जखमियो ।
उनका रक्त हमें , जिंदगी भर मारेगा फेटे ।
सोने की चिड़िया को , पिंजरे में कैद कर दो कष्ट ।
कुछ भी करो लो विदेशीयो , भारत नही होगा नष्ट ।
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