✍ वैदिक भारत के 501 दुर्लभ ग्रंथ ✍

✍ वैदिक भारत के 501 दुर्लभ ग्रंथ ✍

वेद

ऋग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
अथर्ववेद

पुराण

ब्रह्मपुराण
पद्मपुराण
विष्णुपुराण
वायुपुराण
शिवपुराण
नारदपुराण
मार्कण्डेयपुराण
अग्निपुराण
भविष्यपुराण
ब्रह्मवैवर्तपुराण
लिंगपुराण
वराहपुराण
स्कन्दपुराण
वामनपुराण
कूर्मपुराण
मत्स्यपुराण
गरुड़पुराण
ब्रह्माण्डपुराण

संहिता

ऋग्वेद संहिता
सामवेद संहिता
यजुर्वेद संहिता (शुक्ल और कृष्ण)
अथर्ववेद संहिता

प्रमुख ग्रंथ

रामायण
महाभारत
श्रीमद्भागवत
देवीभागवत
श्रीमद्भगवद्गीता - ये महाभारत का एक भाग हैं।

१०८ उपनिषदों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जाता है-

(१) ऋग्वेदीय -- १० उपनिषद्

(२) शुक्ल यजुर्वेदीय -- १९ उपनिषद्

(३) कृष्ण यजुर्वेदीय -- ३२ उपनिषद्

(४) सामवेदीय -- १६ उपनिषद्

(५) अथर्ववेदीय -- ३१ उपनिषद्

कुल -- १०८ उपनिषद्

जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने १० पर अपना भाष्य दिया है- 
(१) ईश, (२) ऐतरेय (३) कठ (४) केन (५) छांदोग्य (६) प्रश्न (७) तैत्तिरीय (८) बृहदारण्यक (९) मांडूक्य और (१०) मुंडक।

उन्होने निम्न तीन को प्रमाण कोटि में रखा है- 
(१) श्वेताश्वतर (२) कौषीतकि तथा (३) मैत्रायणी।

आस्तिक या वैदिक दर्शन
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वैदिक परम्परा के ६ दर्शन हैं :


(1) मीमांसा (2) न्याय (3) वैशेषिक (4) सांख्य (5) योग  (6) वेदान्त

साहित्यकार - ग्रन्थकार ग्रन्थ

1.अभिनवगुप्त - तन्त्रालोक, अभिनवभारती

2.आदि शंकराचार्य- विवेकचूडामणि, अपरोक्षानुभूति, आत्मशतकम्, मनीषपञ्चकम्
अगत्तियर अगत्तियम्

3.अमरसिंह - अमरकोष
आण्डाल तिरुप्पावै, नाच्चियार् तिरुमोळि

4.अक्षपाद गौतम - न्यायसूत्र

5.आनन्दवर्धन -ध्वन्यालोक

6.अष्टावक्र - अष्टावक्र गीता

7.अश्वघोष - बुद्धचरित
Avvaiyar Purananuru

8.बादरायण - ब्रह्मसूत्र

9.बाणभट्ट - हर्षचरित, कादम्बरी

10.भरत मुनि- नाट्यशास्त्र

11.भारवि - किरातार्जुनीयम्

12.भर्तृहरि - वाक्यपदीय, शतकत्रय
भवभूति महावीरचरित, मालतीमाधव, उत्तररामचरितम्
भास स्वप्नवासवदत्ता, उरुभंग, प्रतिमानाटक, अभिषेक नाटक, पञ्चरात्र, मध्यमव्ययोग, दूतघटोत्कच, दूतकाव्य, कर्णभार, हरिवंश (बालचरित), प्रतिज्ञा यौगन्धरायणम्
बिल्हण विक्रमांकदेवचरित, चौरपञ्चाशिका

13. चाणक्य - अर्थशास्त्र, नीतिशास्त्र
दण्डी दशकुमारचरित, काव्यादर्श
धनयल भविष्यत कहा
गूणाढ्य बृहत्कथा
हाल गाहा सतसई

14.हर्षवर्धन - रत्नावली, नागानन्द, प्रियदर्शिका

15.इलांगो  - अडिगल शिलाप्पदीकारम

16.जैमिनी - पूर्वमीमांसा सूत्र, जैमिनी भारत, जैमिनी सूत्र

17.जयदेव - गीतगोविन्द

18.कल्हण - राजतरंगिणी

19.कालिदास - अभिज्ञानशाकुन्तलम्, मेघदूत, रघुवंश, कुमारसम्भव, विक्रमोर्वसीय, मालविकाग्निमित्र, ऋतुसंहार

20.कम्बन - कम्बरामायण, Erezhupathu, Silaiezhupathu, Kangai Puranam, Sarasvati Anthati

21.क्षेमेन्द्र - बृहत्कथामञ्जरी, रामायणमञ्जरी
कुन्दकुन्द समयसार, नियमसार, Pancastikayasara, प्रवचनसार, अट्ठपहुदा, Barasanuvekkha
Nagakuthanaar कुण्डलकेशी
कुन्तक वक्रोक्तिजीवित

22.लगध- वेदांग ज्योतिष
माघ शिशुपाल वध

23.महेन्द्र वर्मन प्रथम मत्तविलास प्रहसन, Bhagavadajjuka
Mahidasa Aitareya ऐतरेय ब्राह्मण
मम्मट काव्यप्रकाश

24.मतंग मुनि - बृहद्देशी

25.नागार्जुन - मूलमध्यमककारिका, शून्यतासप्तति, विग्रहव्यावर्तनी, Vaidalyaprakaraṇa, व्यवहारसिद्धि, Yuktiṣāṣṭika, Catuḥstava, रत्नावली, प्रतीत्यसमुत्पादहृदयकारिक, सूत्रसमुच्चय, बोधिचित्तविवण, सुहृल्लेख, बोधिसम्भार

26.नन्दिकेश्वर - अभिनयदर्पण, भरतार्णव

27.राजशेखर - Viddhasalabhañjika, बालभारत, कर्पूरमञ्जरी, बालरामायण, काव्यमीमांसा

28.रति राम साहिब - भागवद गीता

29.सिद्धसेन दिवाकर - न्यायावतार, सन्मतिसूत्र
Sīthalai Sāttanār Manimekalai

30.सोमदेव - कथासरित्सागर
Sphujidhvaja Yavanajataka

31.श्रीहर्ष - नैषधीयचरित

32.शूद्रक - मृच्छकटिक
Thiruvalluvar Thirukkural
Tirutakkatevar Civaka Cintamani
उमास्वाति तत्वार्थ सूत्र

33.वाल्मीकि - रामायण, योगवासिष्ठ
वात्स्यायन न्यायसूत्र भाष्य, कामसूत्र
विज्ञानेश्वर मीताक्षरा
Vilambi Naganaar Nanmanikadigai

34.विशाखदत्त -मुद्राराक्षस, देवीचन्द्रगुप्तम्

35.विष्णु शर्मा- पञ्चतन्त्र

36.व्यास - महाभारत

37.याज्ञवल्क्य - शतपथ ब्राह्मण, योग याज्ञवल्क्य, याज्ञवल्क्य स्मृति

छन्दशास्त्र
संस्कृत छन्दशास्त्र से सम्बन्धित लगभग १५० ग्रन्थ ज्ञात हैं जिनमें कोई ८५० छन्दों की परिभाषा और वर्णन है।

38.पिंगल -- छन्दःसूत्रम्
जयदेवकृत -- जयदेवछन्द (६ठी शताब्दी)
गणस्वामी -- जानाश्रयीछन्दोविचितिः (६ठी शताब्दी)
अज्ञात -- छन्दोरत्नमञ्जूषा (६ठी शताब्दी)
भट्ट हलायुध -- छन्दशास्त्र का भाष्य (१०वीं शताब्दी)
लक्ष्मीनाथसुतचन्द्रशेखर -- पिङ्गलभावोद्यात
चित्रसेन -- पिङ्गलटीका
रविकर -- पिङ्गलसारविकासिनी
राजेन्द्र दशावधान -- पिङ्गलतत्वप्रकाशिका
लक्ष्मीनाथ -- पिङ्गलप्रदीप
वंशीधर -- पिङ्गलप्रकाश
वामनाचार्य -- पिङ्गलप्रकाश

39.जयकीर्ति - छन्दोनुशासन

40.क्षेमेन्द्र - सुवृत्त तिलक

41.केदार भट्ट - वृत्तरत्नाकर

42.विरहांक - वृत्तजात समुच्चय

43.हेमचन्द्राचार्य - छन्दानुशासन

44.गंगादास - छन्दोमञ्जरी
अज्ञात (पूना के भंडारकर संस्था में सुरक्षित) - कविदर्पण
अज्ञात (पूना के भंडारकर संस्था में सुरक्षित) - वृत्तदीपका
अज्ञात (पूना के भंडारकर संस्था में सुरक्षित) - छन्दसार
अज्ञात (पूना के भंडारकर संस्था में सुरक्षित) - 
छान्दोग्योपनिषद

45.दामोदर मित्र - वाणीभूषण
अन्य ग्रन्थों में छन्दशास्त्र का वर्णन

46.आचार्य भरत - नाट्यशास्त्र (अध्याय १४, १५)

47.अग्निपुराण (अध्याय १)

48.वाराहमिहिरकृत - बृहत्संहिता

49.कालिदास (दन्तकथा के अधार पर) - श्रुतिबोध

दर्शन के प्रमुख ग्रन्थ
न्यायदर्शनं
50.न्यायसूत्र - गौतम

51.न्यायभाष्य - वात्स्यायन

52.न्यायवार्तिक - उद्योतकर द्वारा न्यायभाष्य पर टीका

53.न्यायवार्तिकतात्पर्यटीका - वाचस्पति मिश्र द्वारा न्यायवार्तिक के ऊपर टीका
न्यायसूचीनिबन्ध - वाचस्पति मिश्र
न्यायसूत्रधार - वाचस्पति मिश्र
न्यायतात्पर्यपरिशुद्धि - उदयन द्वारा न्यायवार्तिकतात्पर्यटीका की टीका (984 ई)

54.न्यायकुसुमांजलि - 'आस्तिक' न्याय का प्रथम व्यवस्थित ग्रन्थआत्मतत्त्वविवेक, किरणावली, न्यायपरिशिष्ट - उदयन
न्यायमंजरी - जयन्त भट्ट (१०वीं शताब्दी)
तार्किकरक्षा - वरदराज (१२वीं शताब्दी)
तर्कभाषा - केशव मिश्र (१३वीं शताब्दी)

55.नव्यन्यां
तत्त्वचिंतामणि - गंगेशोपाध्याय (12वीं शताब्दी) - नव्यन्याय का प्रथम प्रमुख ग्रन्थ है।

56.न्यायनिबन्धप्रकाश - गंगेश उपाध्याय के पुत्र वर्धमान उपाध्याय द्वारा रचित (१२२५ ई)। यद्यपि यह न्यायतात्पर्यपरिशुद्धि की टीका है, किन्तु इसमें उनके पिता गंगेश उपाध्याय के विचारों का समावेश है।

57.आलोक - जयदेव (१३वीं शताब्दी, तत्त्वचिन्तामणि की टीका)

58.तत्त्वचिन्तामणिव्याख्या - वासुदेव सार्वभौम (१६वीं शताब्दी , नवद्वीप के नव्यन्याय सम्प्रदाय की प्रथम श्रेष्ठ कृति)

59.तत्त्वचिन्तामणिदीधिति, पदार्थखण्डन - रघुनाथ शिरोमणि (नवद्वीप के नव्यन्याय सम्प्रदाय की दूसरी महत्वपूर्ण कृतियाँ)

60.न्यायसूत्रवृत्ति - विश्वनाथ (१७वीं शताब्दी)

61.तर्कसंग्रह दीपिका - अन्नंभट्ट (१७वीं शताब्दी, इनमें प्राचीन न्याय एवं नव्यन्याय तथा वैशेषिक दर्शनों का समिश्रण है।)

वैशेषिक दर्शनं
62.वैशेषिकसूत्र - कणाद -- वैशेषिक दर्शन का प्राचीनतम ग्रन्थ

63.रावणभाष्य और भारद्वाजवृत्ति - वैशेषिकसूत्र की दो टीकाएं, अनुपलब्ध

64.पदार्थधर्मसंग्रह - प्रशस्तपाद (४थी शताब्दी ; यद्यपि इसे प्रायः वैशेषिकसूत्र का भाष्य समझा जाता है किन्तु यह एक स्वतन्त्र ग्रन्थ है।)

65.दशपदार्थशास्त्र - चन्द्र (६४८ ई ; पदार्थधर्मसंग्रह पर आधारित, सम्प्रति इसका केवल चीनी अनुवाद ही उपलब्ध है।)

65.व्योमवती - व्योमशिव (८वीं शताब्दी ; पदार्थधर्मसंग्रह की सबसे प्राचीन उपलब्ध टीका)

66.न्यायकन्दली - श्रीधर (९९१ ई) -- पदार्थधर्मसंग्रह की टीका

67.किरणावली - उदयन (१०वीं शताब्दी) -- पदार्थधर्मसंग्रह की टीका

68.लीलावती - श्रीवत्स (११वीं शताब्दी) -- पदार्थधर्मसंग्रह की टीका

69.सप्तपदार्थी - शिवादित्य (११वीं शताब्दी) -- इसमें न्याय और वैशेषिक को एक ही सिद्धान्त के अंग के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

सांख्य दर्शनं
70.सांख्य-प्रवचन-सूत्र या सांख्यसूत्र ( १३वीं-१४वीं शताब्दी ; अपने वर्तमान रूप में यह कपिल का मूल ग्रन्थ नहीं है)

71.सांख्यकारिका - ईश्वरकृष्ण (ई. तृतीय शताब्दी)

72.तत्व समास -
तत्वकौमुदी - वाचस्पति मिश्र (भाष्यग्रन्थ)

77.सांख्यप्रवचनभाष्य - विज्ञानभिक्षु (१६वीं शताब्दी ; भाष्यग्रन्थ)

78.मठरावृत्ति - मठराचार्य (भाष्यग्रन्थ)

योगदर्शनं
79.योगसूत्र - पतंजलि

80.व्यासभाष्य - व्यास मुनि द्वारा लिखित योगसूत्रों की सर्वोत्तम व्याख्या

मीमांसा दर्शन
81.मीमांसासूत्र - महर्षि जैमिनि

वेदान्त दर्शनं
82.ब्रह्मसूत्र - महर्षि व्यास द्वारा रचित इस दर्शन का मूल ग्रन्थ है।

जैन दर्शं
83.जैनागम - महावीर स्वामी के उपदेश 41 सूत्रों में संकलित हैं, जो जैनागमों में मिलते हैं।

84.तत्वार्थाधिगम सूत्र - उमास्वाति (300 ई. ; जैन दर्शन का प्राचीन और प्रामाणिक शास्त्र है।)

बौद्ध दर्शनं
85.्रिपिटक ुत्त पिटक, विनय पिटक और अभिधम्म पिटक) - बुद्ध   के उपदेश तीन पिटकों में संकलित हैं। ये पिटक बौद्ध धर्म के आगम हैं।

86.अभिधर्मकोश - बसुबन्धधु
प्रज्ञापारमितासूत्र -
लंकावतारसूत्र -

व्याकरण रचनाकार - कृति

87.आपस्तम्ब धर्मसूत्र

88.कात्यायन वार्तिक

89.पाणिनि अष्टाध्यायी

90.पतंजलि महाभाष्य , योग सूत्र

91.पिंगल छन्दशास्त्र

92.शाकटायन लक्षणशास्त्र

93.शौनक ऋग्वेद प्रातिशाख्य, बृहद्देवता, चरणव्यूह, ऋग्वेद की ६ अनुक्रमणियाँ
वररुचि प्राकृतप्रकाश

94.यास्क निरुक्त

आयुर्वेद रचनाकार - कृति
95.चरक चरक संहिता

96.कश्यप कश्यप संहिता

97.माधव निदान

98.सुश्रुत सुश्रुत संहिता

99.वाग्भट अष्टांग संग्रह अष्टांग हृदय संहिता

ज्योतिष रचनाकार - कृति
100.भृगुसंहिता भृगु मुनि

101.सारावली कल्यान वर्मन

102.बृहत् पराशर होरा शास्त्र पाराशर

103.उत्तरकालामृत कालीदास (कवि कालिदास  से भिन्न) तेरहवीं शताब्दी

104.चमत्कार चिंतामणि भट्ट नारायण

105.बृहज्जातकम् वराहमिहिर

106.बृहत्संहिता वराहमिहिर

107.पञ्चसिद्धान्तिका वराहमिहिर

गणित रचनाकार - कृति
108.आर्यभट आर्यभटीय,आर्यसिद्धान्त

109.बौधायन शुल्बसूत्र
बौधायन श्रौतसूत्र, धर्मसूत्र

110.भास्कराचार्य प्रथम आर्यभटीय भाष्य, महाभास्करीय, लघुभास्करीय
भास्कर द्वितीय सिद्धान्तशिरोमणि (जिसके चार भाग हैं: लीलावती, बीजगणित, ग्रहगणित, और गोलाध्याय)

111.ब्रह्मगुप्त ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त

112.हलायुध मृतसञ्जीवनी

113.महावीराचार्य गणितसारसंग्रह
परमेश्वर भटदीपिका, कर्मदीपिका, परमेश्वरी, सिद्धान्तदीपिका, विवरण, दृग्गणित, गोलदीपिका, ग्रहणमन्दन, ग्रहनव्याख्यादीपिका, वाक्यकरण

114.वराहमिहिर पञ्चसिद्धान्तिका, बृहत्संहिता, बृहत जातक, दैवज्ञ वल्लभ, लघु जातक, योग यात्रा, विवाह पटल

115.वीरसेन धवला

प्रमुख वास्तुशास्त्रीय ग्रन्थ
३५० से भी अधिक ग्रन्थों में स्थापत्य की चर्चा मिलती है। इनमें से प्रमुख ग्रन्थ निम्नलिखित हैं-

116.अपराजितपृच्छा (रचयिता : भुवनदेवाचार्य ; विश्वकर्मा और उनके पुत्र अपराजित के बीच वार्तालाप)

117.ईशान-गुरुदेवपद्धति

118.कामिकागम
कर्णागम (इसमें वास्तु पर लगभग ४० अध्याय हैं। इसमें तालमान  का बहुत ही वैज्ञानिक एवं पारिभाषिक विवेचन है।)

119.मनुष्यालयचन्द्रिका (कुल ७ अध्याय, २१० से अधिक श्लोक)

120.प्रासादमण्डन (कुल ८ अध्याय)

121.राजवल्लभ (कुल १४ अध्याय)

तंत्रसमुच्चय

122.वास्तुसौख्यम् (कुल ९ अध्याय)

123.विश्वकर्मा प्रकाश (कुल १३ अध्याय, लगभग १३७४ श्लोक)

124.विश्वकर्मा वास्तुशास्त्र (कुल ८४ अध्याय)

125.सनत्कुमारवास्तुशास्त्र

126.वास्तुमण्डन

127.मयशास्त्र (भित्ति सजाना)

128.बिम्बमान (चित्रकला)

129.शुक्रनीति  (प्रतिमा, मूर्ति या विग्रह निर्माण)

130.सुप्रभेदागम

131.विष्णुधर्मोत्तर पुराण

132.आगम (इनमें भी शिल्प की चर्चा है।)

133.अग्निपुराण

134.ब्रह्मपुराण  (मुख्यतः वास्तुशास्त्र, कुछ अध्याय कला पर भी)

135.वास्तुविद्या

136.प्रतिमालक्षणविधानम्

137.गार्गेयम्

138.मानसार शिल्पशास्त्र  (कुल ७० अध्याय; ५१०० से अधिक श्लोक; कास्टिंग, मोल्डिंग, कार्विंग, पॉलिशिंग, तथा कला एवं हस्तशिल्प निर्माण के अनेकों अध्याय)

139.अत्रियम्
प्रतिमा मान लक्षणम् (इसमें टूटी हुई मूर्तियों को सुधारने आदि पर अध्याय है।)

140.दशतल न्याग्रोध परिमण्डल

141.शम्भुद्भाषित प्रतिमालक्षण विवरणम्

142.मयमतम् (मयासुर द्वारा रचित, कुल ३६ अध्याय, ३३०० से अधिक श्लोक)

143.बृहत्संहिता  (अध्याय ५३-६०, ७७, ७९, ८६)

144.शिल्परत्नम् (इसके पूर्वभाग में 46 अध्याय कला तथा भवन/नगर-निर्माण पर हैं। उत्तरभाग में ३५ अध्याय मूर्तिकला  आदि पर हैं।)


145.युक्तिकल्पतरु (आभूषण-कला सहित विविध कलाएँ)

146.शिल्पकलादर्शनम्

147.समरांगणसूत्रधार (रचयिता : राजा भोज ; कुल ८४ अध्याय, ८००० से अधिक श्लोक)

148.वास्तुकर्मप्रकाशम्

149.मत्स्यपुराणम्

150.गरुणपुराण

151.कश्यपशिल्प (कुल ८४ अध्याय तथा ३३०० से अधिक श्लोक)

152.भविष्यपुराण  (मुख्यतः वास्तुशिल्प, कुछ अध्याय कला पर भी)

153.अलंकारशास्त्र

154.अर्थशास्त्र  (खिडकी एवं दरवाजा आदि सामान्य शिल्प, इसके अलावा सार्वजनिक उपयोग की सुविधाएँ)
चित्रकल्प (आभूषण)

155.चित्रकर्मशास्त्र

156.मयशिल्पशास्त्र (तमिल में)

157.विश्वकर्मा शिल्प (स्तम्भों  पर कलाकारी, काष्ठकला)

158.अगत्स्य (काष्ठ आधारित कलाएँ एवं शिल्प)

159.मण्डन शिल्पशास्त्र (दीपक आदि)

160.रत्नशास्त्र (मोती, आभूषण आदि)

161.रत्नपरीक्षा (आभूषण)

162.रत्नसंग्रह (आभूषण)

163.लघुरत्नपरीक्षा (आभूषण आदि)

164.मणिमहात्म्य (lapidary)

165.अगस्तिमत (lapidary crafts)

166.अनंगरंग (काम कलाएँ)

कामसूत्र
167.रतिरहस्य (कामकलाएँ)

168.कन्दर्पचूणामणि (कामकलाएँ)

169.नाट्यशास्त्र  (फैशन तथा नाट्यकलाएँ)

170.नृतरत्नावली (फैशन तथा नाट्यकलाएँ)

171.संगीतरत्नाकर  ((फैशन, नृत्य तथा नाट्यकलाएँ)

172.नलपाक  (भोजन, पात्र कलाएँ)

173.पाकदर्पण (भोजन, पात्र कलाएँ)

174.पाकविज्ञान (भोजन, पात्र कलाएँ)

175.पाकार्णव (भोजन, पात्र कलाएँ)

176.कुट्टनीमतम्  (वस्त्र कलाएँ)

177.केादम्बरी  (वस्त्र कला तथा शिल्प पर अध्याय हैं)
178.मयमात्रिका  (वस्त्रकलाएँ)

यन्त्रकोश (संगीत के यंत्र Overview in Bengali Language)
179.चिलपटिकारम् (शिल्पाधिकारम्); दूसरी शताब्दी में रचित तमिल  ग्रन्थ जिसमें संगीत यंत्रों पर अअध्यााय हैं)

180.मानसोल्लास  (संगीत यन्त्रों से सम्बन्धित कला एवं शिल्प, पाकशास्त्र, वस्त्र, सज्जा आदि)

181.वास्तुविद्या (मूर्तिकला, चित्रकला, तथा शिल्प)

182.उपवन विनोद (उद्यान, उपवन भवन निर्माण, घर में लगाये जाने वाले पादप आदि से सम्बन्धित शिल्प)

183.वास्तुसूत्र (संस्कृत में शिल्पशास्त्र का सबसे प्राचीन ग्रन्थ; ६ अध्ययाय; छबि रचाना; इसमें बताया गया है कि छबि कलाएँ किस प्रकार हाव-भाव एवं आध्यात्मिक स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के साधन हैं।)

अन्य भारतीय भाषाओं के शिल्पशास्त्रीय ग्रन्थ
184.शिल्प प्रकाश  - रामचन्द्र भट्टारक (ओड़िया में , इसमें विस्तृत चित्र तथा शब्दावली भी दी गयी है।)

185.काव्यशास्त्र से सम्बन्धित ग्रन्थ

186.नाट्यशास्त्र -- भरतमुनि

187.काव्यप्रकाश -- मम्मट
टीकाएँ

188.अलंकारसर्वस्व -- रुय्यक

189.संकेत टीका -- माणिक्यचंद्र सूरि (रचनाकाल ११६० ई.)

190.दीपिका -- चंडीदास (१३वीं शती)

191.काव्यप्रदीप -- गोविंद ठक्कुर (१४वीं शती का अंतभाग)

192.सुधासागर या सुबोधिनी -- भीमसेन दीक्षित (रचनाकाल १७२३ ई.)

193.दीपिका -- जयंतभट्ट (रचनाकाल १२९४ ई.)

194.काव्यप्रकाशदर्पण -- विश्वनाथ कविराज (१४वीं शती)

195.विस्तारिका -- परमानंद चक्रवर्ती (१४वीं शती)

196.साहित्यदर्पण -- विश्वनाथ

197.काव्यादर्श -- दण्डी

198.काव्यमीमांसा -- कविराज राजशेखर (८८०-९२० ई.)

199.दशरूपकम् -- धनंजय

200.अवलोक -- धनिक (धनंजय के लघु भ्राता)

201.ध्वन्यालोक -- आनन्दवर्धन

202.लोचन -- अभिनवगुप्त (ध्वन्यालोक की टीका)

203.काव्यप्रकाशसंकेत -- माणिक्यचंद्र (११५९ ई)

204 अलंकारसर्वस्व -- राजानक रुय्यक

205.चंद्रालोक—जयदेव

206.अलंक

रसविद्या के प्रमुख ग्रन्थ
इस विद्या के संस्कृत में बहुत से ग्रन्थ हैं।
207.रसार्णव -- गोविन्दाचार्य

208.आनन्दकन्द

209.रसहृदयतन्त्र -- गोविन्द भगवतपाद

210.रसरत्नसमुच्चय -- वाग्भट

211.रसकामधेनु

212.रसमञ्जरी -- शालिनाथ

213.रसप्रकाशसुधाकर -- यशोधर

214.रसप्रकाश -- यशोधर

215.रसरत्नाकर—नित्यनाथ सिद्ध

216.रससङ्केतकलिका—चामुण्डा

117.रसाध्याय

218.रसजलनिधि

219.रसेन्द्रचिन्तामणि -- सुधाकर रामचन्द्र

220.रसेन्द्रचिन्तामणि -- ढुण्ढुकनाथ

221.रसेन्द्रचूडामणि -- सोमदेव

222.रसेन्द्रमङ्गल -- नागार्जुन

223.रसकौमुदी—सर्वज्ञचन्द्र

224.रससार—गोविन्द आचार्य

225.रसचण्डाशुः या रसरत्नसंग्रह
-- दत्तो बल्लाल बोरकर (२५ अप्रैल, १९१९)

226.रसेन्द्र सार

227.रसोपनिषत

228.रस पद्धति

229.रसराजलक्ष्मी --रामेश्वर भट्ट

230.रसपारिजात

231.रसमुक्तावली -- देवनाथ

232.देव्यरसरत्नाकर

233.स्वर्णतन्त्र

234.स्वर्णसिद्धि

235.गोरख संहिता

236.दत्तात्रेय संहिता

237.वज्रोदन

238.शैलोदक कल्प

239.गन्धक कल्प

240.रुद्रयामल तंत्र

250.लौहपद्धति -- सुरेश्वर

251.लोह सर्वस्व

252.योगसार

253.रत्न घोष

254.पारद सूर्य विज्ञान

255.कपिल सिद्धान्त

256.रसभेषजकल्प -- सूर्य पण्डित

257.कङ्कालीग्रन्थ -- नासिरशाह

नीतिशास्त्र के ग्रन्थ
258.चाणक्य नीति -- चाणक्य

259.नीतिद्विषष्ठिका

260.नीति शतक -- भर्तृहरि

261.वैराग्य शतक -- भर्तृहरि

262.मोहमुद्गर -- आदि शंकराचार्य

263.कुट्ट्नीमत -- दामोदर गुप्त

264.सुभाषितरत्नसन्दोह -- अमितगति ( ने 994 ई0)

265.धर्मपरीक्षा -- अमितगति

266.कला विलास -- क्षेमेन्द्र ( 1050 ई0 )

267.दर्पदलन

268.चारूचर्या

269.चतुर्वर्गसग्रह

270.सेव्यसेवकोपदेश -- क्षेमेन्द्र

271.समयमातृका

272.देशोपदेश

273.नर्ममाला

274.योगशास्त्र -- हेमचन्द्र ( 1088- 1172 ई0)

275.मुग्धोपदेश -- जल्हण (1130 ई0 )

276.शान्तिशतक -- शिल्हण ( 1205 ई0)

277.शृंगार वैराग्यतरङ्गिणी -- सोमप्रभ (1267 ई0)

278.सुभाषित नीवी -- वेदान्त देशिक (1268- 1269 ई0)

279.दृष्टान्तकलिकाशतम् -- कुसुम देव

280.नीति मञ्जरी -- द्याद्विवेद (1492 ई0)

281.भामिनी विलास -- पण्डितराज जगन्नाथ ( 1590 - 1665 ई )

282.कलि विडम्बन—नीलकण्ठ दीक्षित (१६३०)

283.सभारञ्जनशतक—नीलकण्ठ दीक्षित

284.शान्ति विलास-- नीलकण्ठ दीक्षित

285.वैराग्यशतक—नीलकण्ठ दीक्षित

286.उपदेश शतक

287.सुभाषित कौस्तुभ -- कटाध्वरी ( 1650 ई0 )

288.लोकोक्ति मुक्तावली -- दक्षिणा मूर्ति

संगीत ग्रन्थ
289.नाट्यशास्त्र भरत मुनि

290.बृहद्देशी मतंग मुनि

291.नारदीय शिक्षा

292.संगीत मकरंद

293.सरस्वती हृदयालंकार मिथिला के राजा नान्यदेव 11वीं शती

294.अभिलषितार्थ चिंतामणि सोमेश्वर 12वीं शती

295.संगीतचूड़ामणि सोमेश्वर के पुत्र प्रतापचक्रवर्ती  या जगदेकमल्ल 12वीं शती

296.संगीतसुधाकर चालुक्यवंशीय सौराष्ट्रनरेश महाराज हरिपाल 1175 ई.

297.संगीतरत्नावली सोमराज देव  या सोमभूपाल 1180

298.गीतगोविन्द जयदेव 12वीं शती ई.

299.पंडिताराध्यचरितम् पाल्कुरिकि सोमनाथ तेलगु में, 1270 ई.

300.संगीतरत्नाकर शारंगदेव १३वीं शती

301.शृंगारहार शाकंभरि के राजा हम्मीर लगभग 1300 ई.

302.संगीत-समय-सार जैन आचार्य पार्श्वदेव लगभग 1300

303.संगीतसार विद्यारण्य चौदहवीं शताब्दी

304.रागतरंगिणी लोचन कवि पन्द्रहवीं शताब्दी

305.संगीतशिरोमणि अनेक पण्डितों का योगदान मलिक 

306.सुलतान के आह्वान पर, पन्द्रहवीं शताब्दी

307.रसिकप्रिया मेवाड़ के महाराणा कुंभ गीतगोविन्द की टीका, 1431-1469 ई.

308.संगीतराज महाराणा कुम्भ

309.मानकुतूहल ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर हिन्दी में, 15वीं शती

310.षड्रागचंद्रोदय पुण्डरीक विट्ठल सोलहवीं शताब्दी

311.रागमाला पुण्डरीक विट्ठल

312.रागमंजरी पुण्डरीक विट्ठल

313.नर्तननिर्णय पुण्डरीक विट्ठल

314.स्वरमेलकलानिधि कर्णाटक संगीत के विद्वान् रामामाला 1550 ई.

315.स्वरमेल कलानिधि रामामात्य सोलहवीं शताब्दी
रागविबोध सोमनाथ 1609 ई.

316.संगीतसुधा तंजोर के राजा रघुनाथ अपने मंत्री गोविंद दीक्षित  की सहायता से 1620 ई. में

317.चतुर्दंडीप्रकाशिका व्यंकटमखी सन् 1630 ई.

318.संगीतदर्पण दामोदर मिश्र लगभग सन् 1630 ई.

319.हृदय प्रकाश हृदयनारायण देव सत्रहवीं शताब्दी

320.हृदय कौतुकम् हृदयनारायण देव सत्रहवीं शताब्दी

321.संग्रहचूड़ामणि गोविंद 1680-1700

322.संगीत पारिजात अहोबल १७वीं शती

323.संगीत दर्पण दामोदर पण्डित

324.अनूपविलास भावभट्ट

325.अनूपसंगीतरत्नाकार भावभट्ट

326.अनुपांकुश भावभट्ट

327.संगीतसार जयपुर के महाराज प्रतापसिंह 1779-1804 ई.

328.अष्टोत्तरशतताललक्षणाम् सोमनाथ

329.रागतत्वविबोध श्रीनिवास 18वीं शती

330.रागतत्वविबोध: श्रीनिवास पण्डित अठारहवीं शताब्दी

331.संगीतसारामृतम् तंजोर के मराठा राजा तुलजेन्द्र भोंसले 18वीं शती

332.रागलक्षमण् तुलजेन्द्र भोंसले

333.लक्ष्यसंगीतम्‌ विष्णु नारायण भातखंडे संस्कृत ; 1910, १९३४

334.अभिनवरागमंजरी विष्णु नारायण भातखंडे संस्कृत ; 1910, १९३४

335.हिंदुस्तानी संगीत पद्धति विष्णु नारायण भातखंडे मराठी में

336.हिंदुस्तानी संगीत क्रमीक  (छह भागों में) विष्णु नारायण भातखंडे

337.संगीत तत्त्वदर्शक विष्णु दिगंबर पलुस्कर 20वीं शती

338.निघण्टु -- यास्क—वैदिक शब्दकोश

339.निरुक्त—यास्क -- निघण्टु पर शब्दार्थ कोश

340.अमरकोश ('नामलिंगानुशासन' या 'त्रिकांड') -- 
अमरसिंह

341.विश्वप्रकाश

342.मेदिनी

343.नानार्थार्णवसंक्षेप

344.वर्णदेशना

345.षडर्थनिर्णयकोश -- 'राक्षस' कवि

346.षड्मुखकोश

347.बृहत अमरकोश -- राजमुकुट कृत अमरकोश टीका

348.बृहानन्द अमरकोश -- सर्वदानन्द

349.बृहत् हारावली -- भानुदीक्षित
हारवली

350.शब्दार्णवसंक्षेप

351.कल्पद्रुकोश

352.धातुपाठ -- पाणिनि

353.गणपाठ -- पाणिनि

353.धन्वन्तरिनिघण्टु -- धन्वन्तरि

354.अनेकार्थसमुच्चय—शाश्वत—इसी को 'शाश्वतकोश' भी कहते हैं

355.अभिधानरत्नमाला -- भट्ठ हलायुध (समय लगभग १० वीं० शताब्धी ई०)
356.

357.वैजयन्ती कोश -- यादवप्रकाश (समय १०५५ से १३३७ के मध्य)

358.पाइयलच्छी नाममाला --

359.देशीनाममाला -- हेमचंद्र -- (प्राकृत—अपभ्रंश—कोश)

360.अभिधानचिंतामणि या 'अभिधानचिंतामणिनाममाला' -- 

361.हेमचंद्र -- प्रसिद्ध पर्यायवाची कोश

362.लिंगानुशासन—हेमचंद्र

363.यशोविजय—हेमचंद्र -- 'अभिधानचिंतामणि' पर उनकी स्वविरचित टीका

364.व्युत्पत्तिरत्नाकर (देवसागकरणि) --हेमचंद्र -- टीकाग्रन्थ

365.सारोद्धार' (वल्लभगणि) -- प्रसिद्ध टीका

366.अनेकार्थसंग्रह -- हेमचन्द्र

367.विश्वप्रकाश - महेश्वर (११११ ई०) -- इसे 'विश्वकोश' भी अधिकतः कहा जाता है।

368.शब्दभेदप्रकाश -- महेश्वर—वस्तुतः विश्वप्रकाश का परिशिष्ट है।

369.अनेकार्थ -- मंख पंडित (१२ वीं शती ई०)

370.नानार्थसंग्रह—अजयपाल (लगभग १२ वीं—१३ वी शती के बीच)

371.नाममाला -- धनञ्जय (ई० १२ वी० शताब्दी उत्तरार्ध के आसपास अनुमानित)

372.हारावली -- पुरुषोत्तमदेव (समय ११५९ ई० के पूर्व)

373.त्रिकांडकोश -- पुरुषोत्तमदेव -- यह अमरसिंह के त्रिकाण्डकोश से अलग है।

374.वर्णदेशन—पुरुषोत्तमदेव

375.एकाक्षरकोश -- पुरुषोत्तमदेव

376.द्विरूपकोश -- पुरुषोत्तमदेव

377.वर्णदेशना -- पुरुषोत्तमदेव

378.त्रिकांडकोष -- पुरुषोत्तमदेव

379.हारावली -- पुरुषोत्तमदेव

380.द्विरूपकोश -- श्रीहर्ष (उपरोक्त ग्रन्थ से अलग ग्रन्थ)

381.नानार्थार्णव—केशवस्वामी (समय १२ वीं या १३ वीं शताब्दी)

382.नानार्थशब्दकोश -- मेदिनि -- (लगभग १४ वी शताब्दी के आसापास) ; यह 'मेदिनिकोष' नाम से अधिक विख्यात है।

383.अपवर्गनाममाला -- जिनभद्र सुरि -- इसको 'पंचवर्गपरिहारनाममाला भी कहते है।

384.शब्दरत्नप्रदीप -- कल्याणमल्ल (समय लगभग १२९५ ई०)

385.शब्दरत्नाकर—महीप (लगभग १३७४ ई०)

386.भूरिकप्रयोग -- पद्यगदत्त

387.शब्दमाला -- रामेश्वर शर्मा

388.नानार्थरत्नमाला -- भास्कर अथवा दंडाधिनाथ (१४ वी शताब्दी के विजयनगर के राजा हरिहरगिरि की राजसभा में थे)

389.अभिधानतंत्र -- जटाधर

390.अनेकार्थ या नानार्थकमंजरी -- नामांगदसिंह का लघु नानार्थकारी है।

391.रूपमंजरीनाममाला -- रूपचंद्र (१६वीं शती)

392.शारदीय नाममाला -- हर्षकीर्ति

394.शब्दरत्नाकर—वर्मानभट्ट वाण

395.नामसंग्रहमाला -- अप्पय दीक्षित

396.नामकोश -- सहजकीर्ति (१६२७)

397.पंचचत्व प्रकाश -- सहजकीर्ति (१६४४)

398.कल्पद्रुमकोश -- केशव -- 'केशवस्वामी' से ये भिन्न हैं।

399.नानार्थर्णव—केशवस्वामी

400.शब्दरत्नावली -- मथुरेश (समय १७वी शताब्दी)

401.कोशकल्पतरु -- विश्वनाथ

402.नानार्थपदपीठिका -- सुजन

403.शब्दलिंगार्थचंद्रिका -- सुजन

404.पर्यायपदमंजरी --

405.शब्दार्थमंजूषा --

406.पर्यायरत्नमाला -- महेश्वर (संभवतः पर्यायवाची कोश 'विश्वप्रकाश' के निर्माता महेश्वर से भिन्न हैं।

407.पर्यांयशब्दरत्नाककर—धनंजय भट्टाचार्य

408.विश्विमेदिनी -- सारस्वत भिन्न

409.विश्वनिघंटु -- विश्वकवि

410.लोकप्रकाश -- क्षेमेन्द्र

411.अनेकार्थमाला -- महीप

412.पर्यामुक्तावली -- हरिचरणसेन

413.पंचनत्वप्रकाश -- वेणीप्रसाद

414.राघव खांड़ेकर—केशावतंस

415.अनेकार्थध्वनिमंजरी -- महाक्षपणक

416.आख्यातचीन्द्रिक -- भट्टमल्ल (क्रियाकोश)

417.लिंगानुशासन—हर्ष

418.शब्दभेदप्रकाश -- अनिरुद्ध

419.शिवकोश (वैद्यक) -- शिवदतत्त वैद्य

420.गणितार्थ नाममाला --

421.नक्षत्रकोश --

422.लैकिकन्यायसाहस्री -- भुवनेश (लौकिक न्याय की सूक्तियाँ)

423.लौकिक न्यायसंग्रह -- (लौकिक न्याय की सूक्तियाँ)

424.लौकिक न्याय मुक्तावली -- (लौकिक न्याय की सूक्तियाँ)

425.लौकिकन्यायकोश -- (लौकिक न्याय की सूक्तियाँ)

426.शब्दकल्पद्रुम -- राधाकान्त देव (१८८६-९४)

427.वाचस्पत्यम् --

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टिप्पणियाँ

  1. Hame bahut achcha lga yah jankar ki itne granth hai sanatan darm ki sanskriti me mujhe Garv hai.

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  2. महोदय मुझे शैलोदक कल्प गंधक कल्प और वज्रोदन यह तीनों पुस्तके हिंदी
    भाषा मे चाहिये।
    मेरा व्हाटसअप नंबर है 8840055686
    कृपया यह पुस्तके मुझे प्रदान करे ।

    जवाब देंहटाएं

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