✍ मैं कृष्ण हूँ ✍
आँगन लुटे धूल कान्हाई , कदम डाल बंसी बजाई ।
माखन मिश्री मुख लिपटाई , गौ मधुवन घास चराई ।
कान्हा संग काग क्रीड़ाई , यशोदा मात थक रिझाई ।
मोरपंख सिर मौर सजाई , राधिका प्रेम प्रतिक सगाई ।
शेषनाग पाताल धूम मचाई , गौ वर्धन कनिष्ठा उठाई ।
कंस पूतना धूल चटाई , सुदामा पदपान मस्तक लगाई ।
मीरा गिरधर नाम बुलाई , सूरदास बिहारी वत्सल गाई ।
तुलसी कंधे धनुष अँगड़ाई , महाभारत सत् जीत दिलाई ।
पारसवी केल छिलका खाई , जगद्गुरु पद कृष्ण कहाई ।
वेद रस निचोड़ ज्ञानाई , गीता उपदेश मनुष्य फलदाई ।
गोविंद गोपाल गिरधर गोसाई , माधव मोहन मनोहर साई ।
कृष्ण कान्हा केशव दरसाई , श्याम वासुुदेव नंदलाल माई ।
livepustak.blogspot.com
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें