जो चाहा , वह लो
जो मन में हैं , वही कर ।
नही तो अंत , पछतानी ।
सुख दुःख को , भूल कर ।
कर ले जो , तुझे करनी ।
जो जैसा रखे , तू वैसा रे ।
जीवन फिर , नही मिलेगो ।
जहाँ भी जा , फूल बिछा रे ।
अँधे जग की , लाठी बनेगो ।
यहाँ हीरा हैं , कोयला भी हैं ।
हाथ से ले ले , जो लेना तुझे ।
ले ले जो लेने की , मन में हैं ।
कोई नही रोक रहा , तुझे ।
जो हो रहा हैं , होने दे जहाँ ।
तुझे जो करना , करता चल ।
जो तूने सोचा , सब हैं यहाँ ।
तू सिर्फ तेरे लक्ष्य की ओर चल ।
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