✍भारत की वैदिक संस्कृति से आधुनिक विज्ञान , कभी भी आगे नही निकल पायेगा । ✍

भारत की वैदिक संस्कृति से आधुनिक विज्ञान , कभी भी आगे नही निकल पायेगा ।

1) आग को पानी में बदलना ।

महाभारत में योद्धा विनाशकारी हथियार का उपयोग करते थे , तो वातावरण में आग ही आग हो फेल जाती थी । 
महाभारत समाप्त होते आचार्य लल्ल का आग्रह करते थे , 
फिर आचार्य लल्ल एक बाण छोड़ते थे ।
उस बाण से आग पानी बनकर बरस जाती थी , और वातावरण शुद्ध हो जाता था ।

2) विमान की तकनीक और प्रौद्योगिकी

आचार्य भरद्वाज के विमानिका शास्त्र से पढ़कर शिवकर बापू जी तलपड़े ने , मुंबई के चौपाटी बीच पर दुनिया का पहला हवाई जहाज बनाया था ।
विमान शास्त्र में ऐसे भी विमान हैं , जो आँखों से नही दिखते , फ्री एनर्जी उड़ते और हज़ारो तरह के विमान का वर्णन हैं ।

3) परमाणुवाद का सिद्धांत 

आचार्य कणाद लिखित ग्रंथ सिद्धांत शिरोमणि में परमाणु का सम्पूर्ण वर्णन किया गया हैं । आचार्य कणाद का नाम ही कण की खोज के कारण कणाद पड़ा था ।

4) बल्ब का अविष्कार

अगस्त संहिता में आचार्य अगस्त ने सेल , बल्ब ओर बिजली का बहुत ही विस्तार से वर्णन किया है ।

5) कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग

आचार्य पाणनि की अष्टधायी मानव मस्तिक के सबसे बड़ी रचना मानी जाती है , जो कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग और अष्टधायी सम्पूर्ण मेल खाती हैं ।

6)दुनिया की चिकित्सा के निवारण के आधार

आचार्य बागभट के हृदयम अस्टांग ग्रथं ही चिकित्सा का पद्धति का आधार हैं , आचार्य बागभट 118 वर्ष की आयु में भी 18 वर्ष के युवा दिखते थे ।

7) लोहे से सोना बनाने की विद्या 

आचार्य नागार्जुन रसायन शास्त्र के जनक माने जाते है , उन्होंने लोहे से सोना बना दिया था । आचार्य नागार्जुन के रसरत्नाकर ग्रंथ में धातु और रसायन का सम्पूर्ण वर्णन हैं ।

8) तर्कशास्त्र के जनक
आदिगुरु शंकराचार्य जी ने तर्कशास्त्र से दुनिया का हर काम कर दिखाया था , उनका वैदिक गणित बहुत प्रसिद्ध हैं ।

9)  अर्थशास्त्री के जनक

आचार्य चाणक्य को दुनिया के सबसे बड़े अर्थशास्त्री माने जाते है , उनकी कूटनीति से कोई भी आसान से हार जाता था ।

10) शल्यचिकित्सा के जनक

आचार्य सृशुत के सृशुत संहिता में सबसे पहले नाक की टूटू हुई हड्डी जोड़ी , पेड़ की चाल के टाके लगाना और सम्पूर्ण शरीर की कार्यविधि सरंचना सहित बताई थी ।

11) गणित के जनक 

आचार्य आर्यभट्ट के आर्यभटीय ग्रंथ में गणित का बहुत ही अनूठा वर्णन मिलता हैं , जिसमे शून्य ओर पाई की खोज प्रमुख है ।

12) पेड़ के पत्ते गिनने वाली लड़की

आचार्य भास्कराचार्य की पुत्री लीलावती का गणित इतना तेज था , कि पेड़ के पत्ते गिन देती थी । भास्कराचार्य के लीलावती ग्रंथ में वैदिक गणित का वर्णन हैं ।

13) मनोचिकित्सक के जनक

आचार्य बिरसामुण्डा के पास एक युवक आया जिसका पूरा  मस्तिक सड़ गया था , उस युवक को चिकित्साको ने बोला कि इसका इलाज नही है । आचार्य बिरसामुण्डा ने उस युवक को 5 डिन कि 5 पुड़िया दी और बायीं करवट सोना हैं । 5 दिन बाद युवक की खोपड़ी खुल गई , आचार्य बिरसा मुण्डा ने मस्तिक में भराव भर के फिर 5 दिन की 5 पूड़ी दी और दायीं करवट सोने की कहा । वह युवक निरोग हो गया था , लेकिन खोपड़ी पोस्टमार्टम में हथोड़े से तोड़ते फिर भी नही खुलती हैं ।
14 ) कृत्रिम बर्फ बनाने की विधि

सम्राट हर्षवर्धन ने कृत्रिम बर्फ विधि की खोज की थी , जबकि बिनना फ्रिज के कृत्रिम बर्फ जमाना बहुत कठिन विधि हैं ।

15) ज्योतिषशास्त्र ने विद्वान

आचार्य वराहमिहिर को ज्योतिष शास्त्र का जनक माना जाता है , उनके ग्रंथ वराहमिहिर में संपूर्ण ज्योतिष शास्त्र का वर्णन हैं ।

16) साख्य दर्शन के जनक

आचार्य कपिल का ससाख्य दर्शन बहुत प्रसिद्ध हैं ।

बहुत प्रसिद्धि हैं ।

17) गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत 

आचार्य भास्कराचार्य के सूर्य सिद्धान्त में गुरुत्वाकर्षण के नियम , कार्यविधि ओर गणना का विस्तृत वर्णन मिलता हैं ।

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