✍ बाबा बजरंग दास जी की जीवनी ✍

 ✍बाबा बजरंग दास जी की जीवनी✍
  
मैं बाबा बजरंग दास जी के विषय में मैं निःशब्द हूँ , मैं शून्य हूँ ।मेरी आँखे बंद करके , हाथ जोड़कर बाबाजी के चरणों में नतमस्तक हूँ । मैं जो भी लिख रहा हूँ , इसमें कोई त्रुटि हो तो क्षमा मांगता हूँ । - राहुल विश्वकर्मा

परिचय -
बाबा बजरंगदास शांति के धाम और हूबहू बजरंग ही थे । उनका शरीर ऐसा था ,जैसे अभी जन्म हुआ । सफेद कपड़े और मानो मुख पर सरस्वती विराजमान हो ।जब गाय रंभाती थी , तो भक्ति से उठकर जाते और गाय को चारा डालते चाहे रात की 3 बज रही हो ।बाबा जी के अमृत वचन " काम के साथ राम भी जरूरी हैं " ।

चमत्कार -
1) एक खानदान में एक ही संतान थी , कारण वश मौत हो गई । पूरा खानदान बेहाल रो रहा था । बाबाजी उनके घर गए बोल खाना खाऊंगा ,  लोगो बोले। कोई चमत्कारी हैं । मृत पिता ने बोला अगर आप संत हो , तो मेरे बेटे को जीवित करो । बाबा जी ने कहा रोना बंद करो , और बेटे के लिए भोजन बनाओ ।
और बोले सुबह 5 बजे तक कमरे में कोई नही आएगा , सिर्फ मै  और बच्चा रहेगा । बाबजी ने दूसरे दिन प्रातः 4 बजे लड़के को जिंदा कर दिया । इसके बाद उनके परिवार ने सारी संपत्ति बाबा बजरंग दास के नाम से दान कर दी , आज भी वो जमीन और बजरंग दास मंदिर हैं ।

2) नर्मदा का भंडारा चल रहा था ,  तेल खत्म हो गया । लोग भूखे बैठे , बाबा ने बोला नर्मदा से ले आओ । भक्तो ने नर्मदा का जल कड़ाई में डालकर , पूड़ी सबको खिलाई । फिर बोले जब तेल लाओ , तो वापस देना नर्मदा से उधार लिया है ।

3)महापुरुष बाबा बजरंगदास जी ने जिंदे जी समाधि ली थी ।

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Baba Bajrangdas ji 

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