✍समय के साथ चलने में जीत✍
जीतना ही जीत नही , कभी हारना भी जीत हैं ।
तेरी जीत मेरी जीत , सबकी जीत में मेरी जीत ।
कदम रुकने नही देते , क्योकि चलने में जीत ।
सूरज सुबह नींद से उठने में , कभी देर नही करता ।
सूरज- चाँद कभी उठने और सोने में देर नही करता ।
गर्मी , ठंड और बारिश में भी , सूरज नही रुकता ।
प्रकृति निरंतर चल रही हैं , तो तुम क्यों रुकते हो ।
तुम भी निरंतर चलो , क्योकि चलने में हीं जीत हैं ।
जिंदगी की राह में , गिरकर फिर उठना ही जीत हैं ।
livepustak.blogspot.com
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें